एहसान प्रभु जी तेरा,जों तूनें दिया सहारा
एहसान प्रभु जी तेरा,जों तूनें दिया सहारा,
इक पल कों भी ना छूटें, सतगुरु जी साथ तुम्हारा-२,
चरणों में करुँ ये बिनती, मुझपर किरपा फरमाना,
जग की झूठीं झिलमिल सें,प्रभु मेरा ध्यान हटाना,
हृदय मेरे में बसा रहें,प्रभु, पावनं रुप तुम्हारा,,
इक पल कों भी ना छूटें, सतगुरु जी साथ तुम्हारा,
एहसान प्रभु जी तेरा,जों तूनें दिया सहारा,
इक पल कों भी ना छूटें, सतगुरु जी साथ तुम्हारा-२,
जगतारणं बन तुम आयें,सब जग कों दिया सहारा,
मेरी नैया भी पायें,तेरी किरपा सें किनारा,
जीवन नैया का मेरी,अब तू ही खेवनहारा,,
इक पल कों भी ना छूटें, सतगुरु जी साथ तुम्हारा,
एहसान प्रभु जी तेरा,जों तूनें दिया सहारा,
इक पल कों भी ना छूटें, सतगुरु जी साथ तुम्हारा-२,
तेरी किरपा हुई तभी तों,मैं शरणं तुम्हारी आया,
मैं धन-धन भाग मनाऊँ, पाकर तेरी शीतल छाया,
इस दास कें सर तों दाता,रहें सदा ही हाथ तुम्हारा,,
इक पल कों भी ना छूटें, सतगुरु जी साथ तुम्हारा,
एहसान प्रभु जी तेरा,जों तूनें दिया सहारा,
इक पल कों भी ना छूटें, सतगुरु जी साथ तुम्हारा-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
तर्ज-तुझें सूरज कहूँ या चंदा,
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