थाँह-थाँह लोकीं पूछदें नें,तू कौन हैं मुर्शिद मेरा

 तीन लोक नौ खंड में, गुरु सें बड़ा ना कोय,
कर्ता करें ना कर सकें,जों गुरु चाहे, सों होय

थाँह-थाँह लोकीं पूछदें नें,तू कौन हैं मुर्शिद मेरा-२,
मैं कहनीं हाँ,विच आनंदपुर, रहन्दां दाता मेरा-२,
गुरां दीं दीवानीं हाँ,मैं गुरां दीं दीवानीं हाँ-२,

मेरा सतगुरु जिहदां,रखवाला ऐ,ओहनूँ कौन मिटावनं वाला ऐ,
मेरी परमहँसां नाल लग गई ऐ,जेहड़ा तोड़ निभावनं वाला ऐ,
गुरां दीं दीवानीं हाँ,मैं गुरां दीं दीवानीं हाँ-२,

कर्मा-वाला सतगुरु मेरा,हाल दिलाँ दें जाणें-२,
दाता सबदें लेख सँवारें, कटदां रोग पुरानें-२,
पूछदें लोकीं तेरे दिल विच, किन्हें कीतां ड़ेरा-२,
मैं कहनीं हाँ,विच आनंदपुर, रहन्दां दाता मेरा-२,
गुरां दीं दीवानीं हाँ,मैं गुरां दीं दीवानीं हाँ-२,

सतगुरु दर तें,जिसनें आ कें, झोलियाँ नें फैलाईयाँ-२,
खालीं कोई ना मुड़या सबनें,दिलीं मुरादां पाईयाँ-२,
पूछदें लोकीं, तेरी मुश्किल, हल करदां हैं केंड़ा-२,
मैं कहनीं हाँ,विच आनंदपुर, रहन्दां दाता मेरा-२,
गुरां दीं दीवानीं हाँ,मैं गुरां दीं दीवानीं हाँ-२,
थाँह-थाँह लोकीं पूछदें नें,तू कौन हैं मुर्शिद मेरा-२,
मैं कहनीं हाँ,विच आनंदपुर, रहन्दां दाता मेरा-२,
गुरां दीं दीवानीं हाँ,मैं गुरां दीं दीवानीं हाँ-२,
गुरां दीं दीवानीं हाँ,मैं गुरां दीं दीवानीं हाँ-२,

बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय

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