भक्ति की राह दिखाने,भूमि का भार हटाने

 
भक्ति की राह दिखाने,भूमि का भार हटाने,,
हुआ हैं,हुआ हैं,हुआ हैं अवतार-२,

उन्नीस सौ छब्बीस सन बीस सितंबर, जग में प्रकटे मेरे गुरुवर-२,
देवी-देवता आयें और फूल बरसायें-२,
हुआ हैं,हुआ हैं,हुआ हैं अवतार-२,

जिला हैं अमृतसर,जान-पहचाना, रायपुर कलां इक गांव सुहाना-२,
बज रहें नगाड़े साज,अवतार लिया महाराज-२,
हुआ हैं,हुआ हैं,हुआ हैं अवतार-२,

सतगुरु रुप में,भगवान आयें,बिछुडीं रुहों कों,आप मिलायें-२,
श्री आनंदपुर बनाया,रुहानीं पन्थ चलाया-२,
हुआ हैं,हुआ हैं,हुआ हैं अवतार-२,

धन्य घडी व धन्य भाग्य हमारे,दासों कों मिल गयें,सतगुरु प्यारें-२,
जों पांच नियम बनायें,सो महिमा कही ना जायें-२,
हुआ हैं,हुआ हैं,हुआ हैं अवतार-२,
भक्ति की राह दिखाने,भूमि का भार हटाने,,
हुआ हैं,हुआ हैं,हुआ हैं अवतार-२,

बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय

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