दाता खो गया मेरा दिल,आनंद पुर की गलियों में
छु लैंदा चरण जो सतगुरु दे, ओहदा जन्म सुहेला होंदा ऐ,
मैं अखियाँ दे नल तकया ऐ ,ओहदा रब्ब नल मेला होंदा ऐ,
जित्थे जा सतगुरु चरण धरे , ओह खंडहर वी पूजे जांदे ने ,
जिस वेले वी सतगुरु मिल जाये , ओह अमृत वेला होंदा ऐ👏
दाता खो गया मेरा दिल,आनंद पुर की गलियों में-२,
तेरे दर्शन के सुन्दर नज़ारों में,दाता खो गया-२,
आनंद पुर का मन्दिर सुहाना हैं-२,
जहाँ झुकता सारा जमाना हैं-२,
तू हवाओं में हैं, तू बहारों में,दाता खो गया-२,
जर्रे जर्रे में तेरे नज़ारे हैं-२,
गूंजते हर तरफ जै जैकारे हैं-२,
तेरा नूर हैं चाँद सितारों में,दाता खो गया-२,
तेरी महिमा का पार नहीं पाया-२,
झोलियाँ भर गई दर पे जो आया-२,
दिया तूनें हैं अपने खजाने से,दाता खो गया-२,
तेरे द्वार पें दास ये आता रहें-२,
नूरीं मुखड़ें का दर्शन पाता रहें-२,
तेरा जलवा हैं,चाँद-सितारों में,दाता खो गया-२,
बोलो जयकारा
बोल
मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
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