जिन्हाँ दें सिर उत्तें हथ गुरां दा-२,उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों
प्यार वाले भावों को दिलों में बसाये रखें ।
लोगों से प्रीत प्रेम का 'रिश्ता' बनाये रखें ।।
कर्मो को ''गुरमत' के रंगों से सजाये रखें ।
जीवन में त्याग और करूणा बनाएँ रखें ।।👏👏
जिन्हाँ दें सिर उत्तें हथ गुरां दा-२,उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
जिन्हाँ नें ड़ोरां,सतगुरां ते सुटिटयाँ, उन्हाँ नूँ काहदी थोड़ वे लोकों-२,
सतगुरु प्यारयां नें,जहाज बनाया-२,
बिना भाले बिना चापू चलाया-२,
जिन्हाँ दें पल्ले,टिकट नाम वाली-२,
उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
जिन्हाँ दें उत्तें हथ गुरां दा-२,उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
जेहडे़ भगत श्री नंगली जान्दें-२,
जेहडे़ भगत श्री आनंदपुर जान्दें-२,
जाकें गुरां दें,दर्शन पान्दें-२,
जिन्हाँ ते दाता,नज़र मेहरं दी करदें-२,
उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
जिन्हाँ दें उत्तें हथ गुरां दा-२,उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
गुरां दें द्ववारे जाकें, मँगनों ना संघियें-२,
सतगुरु प्यारयां तों,उन्हाँ नूँ मँगियें-२,
जेहडे़ बन जान्दें, सतगुरु दें चाकर-२,
उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
जिन्हाँ दें उत्तें हथ गुरां दा-२,उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय-२,
जिन्हाँ नें ड़ोरां,सतगुरां ते सुटिटयाँ, उन्हाँ नूँ काहदी थोड़ वे लोकों-२,
सतगुरु प्यारयां नें,जहाज बनाया-२,
बिना भाले बिना चापू चलाया-२,
जिन्हाँ दें पल्ले,टिकट नाम वाली-२,
उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
जिन्हाँ दें उत्तें हथ गुरां दा-२,उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
जेहडे़ भगत श्री नंगली जान्दें-२,
जेहडे़ भगत श्री आनंदपुर जान्दें-२,
जाकें गुरां दें,दर्शन पान्दें-२,
जिन्हाँ ते दाता,नज़र मेहरं दी करदें-२,
उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
जिन्हाँ दें उत्तें हथ गुरां दा-२,उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
गुरां दें द्ववारे जाकें, मँगनों ना संघियें-२,
सतगुरु प्यारयां तों,उन्हाँ नूँ मँगियें-२,
जेहडे़ बन जान्दें, सतगुरु दें चाकर-२,
उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
जिन्हाँ दें उत्तें हथ गुरां दा-२,उन्हाँ नूँ काहदा डर वे लोकों-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
Comments
Post a Comment