बन्दगी बिन पार भव के जायेगा कैसे Bandgi Bin Par Bhav Ke Jayega Kese
बन्दगी बिन पार भव के जायेगा कैसे,
बन्दगी बिन बन्दा तू कहलायेगा कैसे,
आया था भक्ति को,कया हैं कर रहा,
दो घड़ी सत्संग से कयों ड़र रहा,
बन्दगी बिन तू ठिकाना, पायेगा कैसे,
बिन भजन भगवान से,मिल पायेगा कैसे,
बन्दगी बिन पार भव के जायेगा कैसे,
बन्दगी बिन बन्दा तू कहलायेगा कैसे,
पूछेंगे कैसा तेरा व्यवहार था,
पूछेंगे सतगुरु से कितना प्यार था,
करनी बिन मुखड़ा अपना, दिखलायेगा कैसे,
बिन भजन भगवान से,मिल पायेगा कैसे,
बन्दगी बिन पार भव के जायेगा कैसे,
बन्दगी बिन बन्दा तू कहलायेगा कैसे,
मन जो सतगुरु के हवाले ना किया,
आँखों से गर-जामें-उल्फत ना पिया,
प्यार फिर सतगुरु का,प्रेमी पायेगा कैसे,
बिन भजन भगवान से,मिल पायेगा कैसे,
बन्दगी बिन पार भव के जायेगा कैसे,
बन्दगी बिन बन्दा तू कहलायेगा कैसे,
स्वाँस ये तेरे बड़े अनमोल हैं,
ध्यान से सुन सन्तों के ये बोल हैं,
शब्द बिन स्वाँसों को तू महकायेगा कैसे,
बिन भजन भगवान से,मिल पायेगा कैसे,
बन्दगी बिन पार भव के जायेगा कैसे,
बन्दगी बिन बन्दा तू कहलायेगा कैसे,
शब्द तेरी जिन्दगी का तार हैं,
शब्द ही परलोक का आधार हैं,
शब्द बिन दरगाह में इज्जत पायेगा कैसे,
बिन भजन भगवान से,मिल पायेगा कैसे,
बन्दगी बिन पार भव के जायेगा कैसे,
बन्दगी बिन बन्दा तू कहलायेगा कैसे,
आँखें-मुख और कान तीनों बन्द कर,
सुरति अपनी शब्द की पाबन्द कर,
पीर-मुरशिदं बिन मगर, कर पायेगा कैसे,
बिन भजन भगवान से,मिल पायेगा कैसे,
बन्दगी बिन पार भव के जायेगा कैसे,
बन्दगी बिन बन्दा तू कहलायेगा कैसे,
धुलि चरणों की चढ़े जो शीश पर,
ध्यान लग जाये अगर जगदीश पर,
फिर भला बन्धन् में दासाँ आयेगा कैसे,
बिन भजन भगवान से,मिल पायेगा कैसे,
बन्दगी बिन पार भव के जायेगा कैसे,
बन्दगी बिन बन्दा तू कहलायेगा कैसे,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
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