ऐ मेरे सतगुरु जी,मेरे मन के देवता Ate Mere Satguru Ji Mere Man ke Devta
ऐ मेरे सतगुरु जी,मेरे मन के देवता-२,
कोई हुआ ना होगा प्रभु, तेरी शान का-२,
अवतार यूँ तो दुनियाँ में आये बडे़ बडे़-२
उनकी बड़ाई कोई कहाँ तक ब्याँ करें-२,
तुझसा मगर किसी को,ना देखा ना सुना-२,
कोई हुआ ना होगा प्रभु, तेरी शान का-२,ऐ मेरे सतगुरु-२,
आँखों से रस पिलाते हो,अमृत का घोल कर-२,
दिल सबके बाँध लेते हो,दो लफ्ज़ बोल कर-२,
और अपना प्यारं बकश दें,हो तो अलग नशा-२,
कोई हुआ ना होगा प्रभु, तेरी शान का-२,ऐ मेरे सतगुरु-२,
जिसकों भी अपने नाम की,किशती चढ़ा लिया-२,
बे-खटके उसको पार किनारे लगा दिया-२,
ये अपनी खुशनसीबीं हैं, तुझसा मल्लाह मिला-२,
कोई हुआ ना होगा प्रभु, तेरी शान का-२,ऐ मेरे सतगुरु-२,
दिल में तो तेरे प्यारं का,बजता हैं मुधुर राग-२,
आँखों मे तेरा रुप हैं, सीने में तेरी याद-२,
मुझपें या जानें तूने, हैं क्या जादू कर दिया-२,
कोई हुआ ना होगा प्रभु, तेरी शान का-२,ऐ मेरे सतगुरु-२,
हरदम ही तेरे प्यारं मे,ये दिल लगा रहें-२,
बकशीशें कु नज़र दास पर,कुछ इस तरह रहें-२,
मैं तेरा बना रहूँ,तू हमेशा रहें मेरा-२,
कोई हुआ ना होगा प्रभु, तेरी शान का-२,ऐ मेरे सतगुरु-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
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