जिसनें नाम लिया सतगुरु का Jisne Naam Liya Satguru Ka
जिसनें नाम लिया सतगुरु का,
उसकें भय मिट जाते हैं-२,
चाह कितनी भी मुश्किल हो-२,
बन्धन् सब कट जाते हैं, ओ जिसनें नाम-२,
इस दुनियाँ में,नाम से बढ़कर,
और कोई ताबींज़ नहीं,-२
हर वस्तु का मोल हैं लेकिन,
अनमोल कोई चीज नहीं,-२,
ओ,जन्तर-मन्तर,जादू-टोना-२,
रस्ते से हट जाते हैं,ओ जिसनें नाम-२,
इस दुनियाँ में,नाम से बढ़कर,
डोरी और नहीं कोई,-२,
हर डोरी कमजोर हैं लेकिन,
ये डोरी कमजोर नहीं,-२,
वहमों-भरमोंं के काले बादल-२,
मिन्टो में हट जाते हैं,ओ जिसनें नाम-२,
इस दुनियाँ में,नाम से बढ़कर,
रत्न कोई बे-दोष नहीं,-२,
नव-रत्नों में दोष हैं लेकिन,
इसमें कोई दोष नहीं,-२,
राहु-केतू और शनिचर,-२,
वहाँ नहीं टिक पाते हैं,ओ जिसनें नाम-२,
इस दुनियाँ में गुरु-घर जैसा,
और नहीं हैं और कहीं,-२,
गली-गली में वैद्म हैं लेकिन,
सतगुरु जैसा वैद्म नहीं,-२,
जन्म-जन्म के भारी दुखड़ें-२,
सत्संग में कट जाते हैं,ओ जिसनें नाम-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
तर्ज--फूल तुम्हें भेजा हैं खत में
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