छाई हैं मस्तं-बहार,गुरु दर छाई हैं Chayi Hai Mast Bahaar
छाई हैं मस्तं-बहार,गुरु दर छाई हैं मस्तं-बहार,
माँघीं का शुभ-पर्व हैं आया-२,सबकों मुबारक बाद,,
छाई हैं मस्तं-बहार,गुरु दर छाई हैं मस्तं-बहार,,
बड़ें भागों सें, ऐसा सुंदर अवसर आया,अवसर आया,
अपने प्यारें सतगुरु का,दर्शन पाया, दर्शन पाया,
प्यारें-प्रीतम कों पा करकें-२,पाया हैं चैन-करार,,
छाई हैं मस्तं-बहार,गुरु दर छाई हैं मस्तं-बहार,,
माँघीं का शुभ-पर्व हैं आया-२,सबकों मुबारक बाद,,
छाई हैं मस्तं-बहार,गुरु दर छाई हैं मस्तं-बहार,,
मेरे सतगुरु प्यारें नें हैं, साढ़ा भाग जगाया-२,
अज दीं घड़ी सुहानी आई,गुरां दां दर्शन पाया,,
बोलों,जय,जय जय,गुरां दीं जय,जय,जय-२,
सुख दें सागर,सतगुरु मेरे, ऊँचीं शान वालें-२,
इन्हाँ दां दर्शन,ओ पान्दें नें,जेहड़ें भक्तं नें कर्मावालें-२,
सारें जग दें अन्दर इन्हाँ नें-२,ड़ंका खूब बजाया-२,
अज दीं घड़ी सुहानी आई,गुरां दां दर्शन पाया,,
बोलों,जय,जय जय,गुरां दीं जय,जय,जय-२,
मेरे सतगुरु प्यारें नें हैं, साढ़ा भाग जगाया-२,
अज दीं घड़ी सुहानी आई,गुरां दां दर्शन पाया,,
बोलों,जय,जय जय,गुरां दीं जय,जय,जय-२,
मेहराँवालें सतगुरु जी नें,ऐसी जगह सुहाई-२,
हर भक्तं दें दिल अन्दर,भक्ति दीं जोतं जलाई-२,
भर-भर जाम हैं भक्ति-वाला-२,ऐसा अजब पिलाया-२,
अज दीं घड़ी सुहानी आई,गुरां दां दर्शन पाया,,
बोलों,जय,जय जय,गुरां दीं जय,जय,जय-२,
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