ये वो दर हैं,जहाँ आनें से,तकदीरें बदलती हैं, Ye Vo Dar Hai, Jhan Aane Se Takdeere Badalti Hai


ये वो दर हैं,जहाँ आनें से,तकदीरें बदलती हैं,
यहाँ सर को झुकाने से,उलझनें भी सुलझती हैं,

कहों इनसे जो कहना हैं, ये घट-२ में समाये हैं,
ये सुनते हैं पुकारों को,जो हृदय से निकलती हैं,
ये वो दर हैं,जहाँ आनें से,तकदीरें बदलती हैं,
यहाँ सर को झुकाने से,उलझनें भी सुलझती हैं,

मिटाकर अपनी हस्तीं को,गुरु की मौज में ढालों
वहीं सुखी रुह होती हैं, जो मालिक से जा मिलती हैं,
ये वो दर हैं,जहाँ आनें से,तकदीरें बदलती हैं,
यहाँ सर को झुकाने से,उलझनें भी सुलझती हैं,

ना कोई चाह रह जाती, उसे दर-२ भटकने की,
जमाने की सभी खुशियाँ,इसी द्वारें पे मिलती हैं,
ये वो दर हैं,जहाँ आनें से,तकदीरें बदलती हैं,
यहाँ सर को झुकाने से,उलझनें भी सुलझती हैं,

अगर जीवन गुनाहों से,तेरा भरपूर हैं प्यारें,
ना घबराओ इसी द्ववारे,पे बकशींशे भी मिलतीं हैं,
ये वो दर हैं,जहाँ आनें से,तकदीरें बदलती हैं,
यहाँ सर को झुकाने से,उलझनें भी सुलझती हैं,

★★★★★★बोलोजयकारा★★★★★★
★★बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय ★
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