जब सें मिला, दर्शन दीदार, मिल गई मुझकों, खुशियाँ आपार Jab se Mila Darshan Deedar Mil Gyi Mujheko Khushiyan Aapaar
जब सें मिला, दर्शन दीदार, मिल गई मुझकों, खुशियाँ आपार,
सतगुरु छवि बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई ,
जिस दिन सें पाई, चरणों का सहारा,
पाई हूँ मैं,इस जग सें किनारा,
भक्ति का पन्थ मिला,मुझकों न्यारां,
स्वामी जी नें,मेरा जीवन सँवारा,
सतगुरु छवि जब सें दिल में समाई हैं,
हर पल जीवन का,हुआ सुखदाई हैं,
सतगुरु छवि बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई ,
नैनों सें दीदार, होवें प्रभु का,
हर स्वाँस में हो,जाप गुरु का,
जिह्वा पर हो,नाम गुरु का,
रसना करें, गुणगान प्रभु का,
सतगुरु नाम की ओढूँ चुनरियाँ,
उमर गुज़ारुँ सेवा में साँवरियाँ,
सतगुरु छवि बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई ,
चरणों में झुकता,सारा जमाना,
भक्ति रतन का पाया,सब नें खज़ाना,
पाया सभी नें,सच्चा ठिकाना,
आया यहाँ पें,सभी कों मुस्कराना,
पद-पंकज में सबकें,स्वर में समाया हैं,
सतगुरु छवि बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई ,
महिमा आपार, वेदों नें गुणं गाया हैं,
सन्तों में शक्ति महान,आपकी माया,
आपका पार,किसी नें ना पाया,
सतगुरु चरणों की मिल गई छाया,
दासनदासीं नें शीश झुकाया,
महिमा आपार फिर कैसे गुणं गाऊँ मैं,
सतगुरु चरणों में ध्यान लगाऊँ मैं,
सतगुरु छवि बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई ,
जब सें मिला, दर्शन दीदार, मिल गई मुझकों, खुशियाँ आपार,
सतगुरु छवि बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई मन में,
सूरत जिगर में बस गई, बस गई ,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
तर्ज-जिसका मुझे था इन्तजार, जिसकें लिऐ दिल,
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