सतगुरु दाता है ये भक्तों का रखवाला Satguru Data Hai Yeh Bhagto Ka Rakhvala
1. सतगुरु दाता है ये भक्तों का रखवाला
खोल देता बंद पड़ी तकदीर का ताला
झोलियाँ सबकी भरे चौखट पे जो आए
सेवकों का साथ दे निर्बल को अपनाएँ
हारे का साथी जमाना कहता है.........................
2. दाता के दरबार मे मस्ती बरसती है
देखने को एक झलक दुनियां तरसती है
साँवले मुखड़े पे सोये नैन मतवालें
चाहें जो भी प्यार से मेरे दाता को पा ले
देखूँ तो मनवा न बस मे रहता है..............................
3. दूसरों की क्या कहूँ खुद की बताता हूँ
हर मुसीबत मे उसे मैं पास पाता हूँ
प्रेमियों के दुख को ये दूर करता है
खाली दामन सबके ही भक्ति से भरता है
भक्तों के संकट ये सिर पर सहता है.......................
Comments
Post a Comment