कोई पिछले जन्म के अच्छे कर्म Koi Pichle Janam Ke Ache Karam
कोई पिछले जन्म के अच्छे कर्म,
मुझे सतगुरु तेरा प्यार मिला-२,
जहाँ सारी दुनियाँ झुकती हैं-२,
मुझे वो आली दरबार मिला,दरबार मिला,कोई--२,
जग के झूठे नाते देखें,देखा ना सच्चा प्यार कहीं-२,
जहाँ दिल को आकर चैन मिले,
हैं वो आली दरबार यहीं-२,
सतगुरु मुझको मिल गया ऐसा-२,
कोई हुआ ना होगा इस जैसा,
जहाँ सारी दुनियाँ झुकती हैं-२,
मुझे वो आली दरबार मिला,दरबार मिला,कोई--२,
कोई और हमें अब कया देगा,
इस दर से जो मैंने पाया हैं-२,
जिसको तरसे जन्नत सारी,
मेरे सिर पर तो वो साया हैं-२,
रब रुप धार के आया हैं,
उसमें रब का दीदार मिला,
जहाँ सारी दुनियाँ झुकती हैं-२,
मुझे वो आली दरबार मिला,दरबार मिला,कोई--२,
श्रद्धा से जो तेरे दर बैठें,
उसनें ही सब कुछ पाया हैं-२,
धन-दौलत चरणों की 'दासीं'
संसार भी फीकी माया हैं-२,
इनसे तो इनको ही माँगों,
ये मिलें तो सब संसार मिला,
जहाँ सारी दुनियाँ झुकती हैं-२,
मुझे वो आली दरबार मिला,दरबार मिला,कोई--२,
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