जगत में कोई ना परमानेंट Jagat Mai koi na permanent
जगत में कोई ना परमानेंट,जगत में कोई ना परमानेंट-२,
तेल चमेली,चन्दन,साबुन,चाहे लगा लो सेंट-२,
जगत में कोई ना परमानेंट-२-४,
आवागमन लगीं दुनियाँ में,जगत हैं रेस्टोरेंट-२,प्यारें,
अन्त समय में उड़ जायेगें,तेरे तम्बू-टैन्टं-२,
जगत में कोई ना परमानेंट-२-४,
हरिद्वार चाहे मथुरा-काशीं,घूमों दिल्ली कैन्ट-२,प्यारें,
मन में नाम प्रभु का राखों,चाहे धोती पहनों या पैन्ट,
मन में नाम गुरु का राखों,चाहे धोती पहनों या पैन्ट,
जगत में कोई ना परमानेंट-२-४,
राष्ट्रपति या जनरल-कर्नल,चाहे हो लेफ्टिनेंट-२,प्यारें,
ये काल सभी कों खा जायेगा,लेडीज हो या जैन्टस,
जगत में कोई ना परमानेंट-२-४,
साधु-सन्त की संगत कर लों,ये सच्ची गर्वमेन्ट-२,
लालसिंह कहें इस दफ्तर सें,मत होना अपसेन्ट,
जगत में कोई ना परमानेंट-२-४,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
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