सोते-सोते ही निकल गई,सारी जिन्दगी- Sote Sote Hi Nikal Gyi , Sari Zindagi
सोते-सोते ही निकल गई,सारी जिन्दगी-२,
सारी जिन्दगी-सारी जिन्दगी-२,
सोते-सोते ही निकल गई,सारी जिन्दगी-२,
जन्म लेतें ही सबसे पहले,तूनें रुदन मचाया-२,
आँखें भी तों खुल नहीं पाई,भूख-भूख चिल्लाया-२,
खातें-खातें ही निकल गई,सारी जिन्दगी,
सारी जिन्दगी-सारी जिन्दगी-२,
सोते-सोते ही निकल गई,सारी जिन्दगी-२,
बचपन खोया,खेल-कूद में,यौवन यूँ भरमाया-२,
धर्म-कर्म का मर्म ना जाना,विषय-भोग,मन भाया-२
भोगों-भोगों में निकल गई,सारी जिन्दगी,
सारी जिन्दगी-सारी जिन्दगी-२,
सोते-सोते ही निकल गई,सारी जिन्दगी-२,
धीरे-धीरे बढ़ा बुढ़ापा,डगमग डोले काया-२,
सबकें-सब रोगों नें देखों,डेरा खूब लगाया-२,
रोतें-रोतें ही निकल गई,सारी जिन्दगी,
सारी जिन्दगी-सारी जिन्दगी-२,
सोते-सोते ही निकल गई,सारी जिन्दगी-२,
जिसकों तू अपना समझा हैं,वह दें बैठा धोखा-२,
प्राणं जानें पर जल जायेगा,यह गाड़ीका खोखा-२,
खोखा ढ़ोते ही निकल गई,सारी जिन्दगी,
सारी जिन्दगी-सारी जिन्दगी-२,
सोते-सोते ही निकल गई,सारी जिन्दगी-२,
माता सें झगड़ा,पिता सें झगड़ा,भाई-बहन सें झगड़ा-२,
भला-बुरा कुछ भी नहीं सोचा,किया सभी सें झगड़ा-२,
रगड़ें-झगड़ें में ही निकल गई,सारी जिन्दगी,
सारी जिन्दगी-सारी जिन्दगी-२,
सोते-सोते ही निकल गई,सारी जिन्दगी-२,
प्रभु-भजन तों नहीं कर पाया,हाय-हाय ही कीन्हा-२,
अब भजूगाँ,कल भजूगाँ,बहुत बरस हैं जीना-२,
बातों-बातों में निकल गई,सारी जिन्दगी,
सारी जिन्दगी-सारी जिन्दगी-२,
सोते-सोते ही निकल गई,सारी जिन्दगी-२,
सारी जिन्दगी-सारी जिन्दगी-२,
सोते-सोते ही निकल गई,सारी जिन्दगी-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
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