जिनकीं अमृत वर्षा सें खुश होते चाँद-सितारें Jinki Amrit Varsha Se Khush Hote Chand Sitare
जिनकीं अमृत वर्षा सें खुश होते चाँद-सितारें,
वो हैं गुरुदेव हमारे,वो हैं स्वामी जी हमारे-२,
जिनकें मुखार सें बरस रहें हैं सुमन ये प्यारें-प्यारें,
वो हैं गुरुदेव हमारे,वो हैं स्वामी जी हमारे-२,
जिनकीं इक नज़र पडे़ं धरती पर,उजड़ा चमन खिल जाये,उजड़ा चमन खिल जाये-२,
जिनकीं इक कृपा-दृष्टि सें,मुरदा भी जीवित हो जाये,
मुरदा जीवित हो जाये-२,
बस वोही ले अवतार ये देखों,भारत-भूमि पधारे-२,
वो हैं गुरुदेव हमारे,वो हैं स्वामी जी हमारे-२,
जिनकीं अमृत वर्षा सें खुश होते चाँद-सितारें,
वो हैं गुरुदेव हमारे,वो हैं स्वामी जी हमारे-२,
जिनकीं वाणीं सें प्यारं बरसता,धरती गगन मुस्काये,
धरती गगन मुस्काये,
जिनकीं शरणागत कों पाकर कें,पापी भी तर जाये,
पापी भी तर जाये,
जिनकें हाथों सें सदा हमारे,कष्ट कटें हैं सारें-२,
वो हैं गुरुदेव हमारे,वो हैं स्वामी जी हमारे-२,
जिनकीं अमृत वर्षा सें खुश होते चाँद-सितारें,
वो हैं गुरुदेव हमारे,वो हैं स्वामी जी हमारे-२,
जिनकें दर्शन कों भटक रहें हैं,लाखों दर-दर प्राणीं,
लाखों दर-दर प्राणीं,
जिनकें उपकारों कों लख-लख कर,होती हैं हैरानी,
होती हैं हैरानी,
जिनकें कर्तव्यों कों देख-देख कर,परमपिता भी हारें,
वो हैं गुरुदेव हमारे,वो हैं स्वामी जी हमारे-२,
जिनकीं अमृत वर्षा सें खुश होते चाँद-सितारें,
वो हैं गुरुदेव हमारे,वो हैं स्वामी जी हमारे-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
तर्ज-जहाँ डाल-डाल पर सोनें की चिडिय़ा,
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