जग तारणं को आये,श्री परमहँस अवतार Jag Taran Ko Aaye, Shri Paramhans Avtar
जग तारणं को आये,श्री परमहँस अवतार-२,
ज्ञान का दीप जला करकें,दूर किया अन्धकार-२,
जग तारणं को आये,श्री परमहँस अवतार-२,
भवसागर में जिसकीं नैया,तुम ही बचातें बनकें खिवैया-२,
तभी तों ये जग सारा-२,कहें तुमकों तारणंहार-२,
ज्ञान का दीप जला करकें,दूर किया अन्धकार-२,
जग तारणं को आये,श्री परमहँस अवतार-२,
कया-कया गुणं गायें प्रभु तेरे,चरणों में तेरे,सुख हैं घनेरे-२,
तेरे पावनं श्री चरणों में-२,हम जायें बलिहार-२,
ज्ञान का दीप जला करकें,दूर किया अन्धकार-२,
जग तारणं को आये,श्री परमहँस अवतार-२,
गगन में जितनें चाँद-सितारें,अनगिनत उपकार तुम्हारें-२,
तेरी रहमतं सें सुख पावें-२,ये सारा संसार-२,
ज्ञान का दीप जला करकें,दूर किया अन्धकार-२,
जग तारणं को आये,श्री परमहँस अवतार-२,
"दासों" पें सतगुरु,किरपा करना,प्रेमाभक्ति सें झोली भरना-२,
सेवा और भक्ति कें-२,खुल्लें तेरे भण्डार-२,
ज्ञान का दीप जला करकें,दूर किया अन्धकार-२,
जग तारणं को आये,श्री परमहँस अवतार-२,
ज्ञान का दीप जला करकें,दूर किया अन्धकार-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
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