दाताँ जी मेरे अंग-संग आप रहों Data Ji Mere Ang Sang Aap Rho
दाताँ जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
सतगुरु जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
तुम बिन मेरा और ना कोई-२,
किधरों मिलदीं खैरं ना कोई-२,संग सहाई हों,
दाताँ जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
सतगुरु जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
ऐसीं लगन लगा मेरे दाता,तेरे हीं गुणं गावाँ-२,
चढ़ जायें तेरे नाम दीं मस्तीं,तेरा दास कहावाँ-२,
तू जों चाहे हारांवालें,कि नहीं सकदां होवें-२,
दाताँ जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
सतगुरु जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
दर-दर भटकयां मैं दुख-हारां,किधरों ना मिलया सहारा-२,
तू दया दा सागर सतगुरु,मैं प्यासें दां प्यासां-२,
दस्सं नहीं सकदां बेबस होकें,दुनियाँ कोलों दर्द लुकां कें-२,आपें लैन्दां रों,
दाताँ जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
सतगुरु जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
कि पता कई रुप धार कें,आयें हों कई वारीं-२,
जे तैनूँ मैं समझ हीं लैन्दां,चरणं चमूदां सौ-सौ वारीं-२
खालीं मेरे मन दा मन्दिर,जोत जला दों इसदें अन्दर-२,
दाताँ जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
सतगुरु जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
जे तैनूँ मैं भुल वीं जावाँ,भुल्लं मेरी बकशावीं-२,
हारांवालें सतगुरु प्यारें,सच्ची राहं दिखावीं-२,
खालीं मेरे मन दा मन्दिर,जोत जगा दों इसदें अन्दर-२,होवें तेरी लौं,
दाताँ जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
सतगुरु जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
तुम बिन मेरा और ना कोई-२,
किधरों मिलदीं खैरं ना कोई-२,संग सहाई हों,
दाताँ जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
सतगुरु जी मेरे अंग-संग आप रहों-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
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