चरणों में रहने दो,या चरणों के आस-पास Charno Me Rehne Do, Ya Charno Ke Aas Pass
चरणों में रहने दो,या चरणों के आस-पास-२,
दूर से मन की,बुझती नहीं प्यास-२,चरणों-२,
दर्द जमाने ने,बहुत दिये हैं-२,
प्रभु तेरे दर्शन से,गम दूर हुऐ हैं,
तेरे बिना प्रभु जी-२,किसकी करुँ मैं आस,
दूर से मन की,बुझती नहीं प्यास-२,चरणों-२,
ये माना प्रभु जी मैने, हैं अवगुण मुझमें-२,
तुम अगर किरपा कर दो,देर नहीं तुझमें,
तेरे इक इशारे सें-२,नजदीक आये तेरे पास,
दूर से मन की,बुझती नहीं प्यास-२,चरणों-२,
रहमत तुम्हारी अगर, हो जाये मुझपर-२,
सेवा करुँ मैं, तेरे दर पर,
रखना प्रभु जी मुझकों, अपने चरणों के पास,
दूर से मन की,बुझती नहीं प्यास-२,चरणों-२,
तेरे बिना प्रभु जी,कौन हैं मेरा-२,
मतलब की दुनियाँ सारी, झूठी प्रीत बनी हैं,
"दास" को रखना प्रभु जी-२,अपने चरणों के पास,
दूर से मन की,बुझती नहीं प्यास-२,चरणों-२,
बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय।।
तर्ज--अखियों को रहने दे अखियों के आस-
Comments
Post a Comment