मेरे सतगुरु की जै-जैकार हैं, शुभ राजतिलक त्यौहार हैं
उल्लास भरा हैं कणं-कणं में,अनुपम खुशी हैं आज,
पंचम रुप विराजें सतगुरु, सन्तनं कें सिरताज,
परमार्थ की ज्योति यह,सदा-जगमगायें,भक्ति की यह,दातं रुहानीं, सदा-सदा हम पायें,
तेरे उपकारों की महिमा, सतगुरु जी सदा-सदा हम गायें,
युग-युग राज अटल हो तेरा,हम सबकीं यहीं हैं दुआयें,
मेरे सतगुरु की जै-जैकार हैं, आज खुशियों की छाई बहार हैं, शुभ राजतिलक त्यौहार हैं-२,
पंचम रुप में,प्रभुवर आयें-२,
नाम और भक्ति की,ज्योति जगायें-२,
जों भी आयें-२,श्री चरणारं हैं, किया उनकों भव-सागर सें पार हैं-२,
मेरे सतगुरु की जै-जैकार हैं, शुभ राजतिलक त्यौहार हैं-२,
सुंदर सिंहासन, शोभा निरालीं-२,
जिसपें विराजें, शहनशाहे आलीं-२,
आज बरसाया-२,हम सब पें प्यार हैं,
दिया हम सबकों,आशीर्वाद हैं-२,
मेरे सतगुरु की जै-जैकार हैं, शुभ राजतिलक त्यौहार हैं-२,
दर्शन सुहानें,भाग्यों सें पायें-२,
प्रेमी सारें मिलकें,महिमा हैं गायें-२,
किया भक्तों पें-२,ये उपकार हैं, आज प्रेमियों कों मिला दीदार हैं-२,
मेरे सतगुरु की जै-जैकार हैं, शुभ राजतिलक त्यौहार हैं-२,
आज शुभ दिन की हो,सबकों बधाई-२,
राजतिलक की हो,सबकों बधाई-२,
चौकुन्टीं में-२,तेरी ऊँची, शान हैं,आज प्रेमियों कों मिला,आशीर्वाद हैं-२,
मेरे सतगुरु की जै-जैकार हैं, शुभ राजतिलक त्यौहार हैं-२,
मेरे सतगुरु की जै-जैकार हैं, आज खुशियों की छाई बहार हैं, शुभ राजतिलक त्यौहार हैं-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
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