होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें भक्तजनों कें संग Holi Khel Rhe Satguru Ji Pyare Bhagat Jano ke Sang
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें भक्तजनों कें संग-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें प्रेमी-जनों कें संग-२,
भर पिचकारी मेरे, सतगुरु मारें-२,ज्ञान कें
भर-भरकें रंग-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें भक्तजनों कें संग-२,
शाही रंग छुड़ायें रे-२,दियों मजीठा रंग-२,
धोयें सें छूटें नहीं ये-२,दिनों-दिन होत सुरंग-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें भक्तजनों कें संग-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें प्रेमी-जनों कें संग-२,
भर पिचकारी मेरे, सतगुरु मारें-२,ज्ञान कें
भर-भरकें रंग-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें भक्तजनों कें संग-२,
भाव कें कुण्ड में,नेह कें जल में-२,प्रेम-रंग दियों घोल-२,
चस की चाव लगा कें रे-२,खूब रंगी जट खोल-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें भक्तजनों कें संग-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें प्रेमी-जनों कें संग-२,
भर पिचकारी मेरे, सतगुरु मारें-२,ज्ञान कें
भर-भरकें रंग-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें भक्तजनों कें संग-२,
सतगुरु नें चुनरी रंगी रे-२,सतगुरु चतुर सुजान-२,
सब-कुछ इन-पर वारं दूँ-२,तन-मन-धन और प्राणं-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें भक्तजनों कें संग-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें प्रेमी-जनों कें संग-२,
भर पिचकारी मेरे, सतगुरु मारें-२,ज्ञान कें
भर-भरकें रंग-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें भक्तजनों कें संग-२,
कहें कबीर रंगरेज गुरु रे-२,मुझ पर हुऐं दयाल-२,
शीतल चुनरी ओढ़ कें रे-२,भई हो मगन निहाल-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें भक्तजनों कें संग-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें प्रेमी-जनों कें संग-२,
भर पिचकारी मेरे, सतगुरु मारें-२,ज्ञान कें
भर-भरकें रंग-२,
होली खेल रहें सतगुरु जी,प्यारें भक्तजनों कें संग-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
Comments
Post a Comment