त्रिलोकी सें बढ़कर,दरबार ये पाया हैं Triloki Se Baskar, Darbar Yeh Paya Hai
त्रिलोकी सें बढ़कर,दरबार ये पाया हैं-२,
बड़ें भागों सें सतगुरु का,श्री दर्शन पाया हैं-२,
त्रिलोकी सें बढ़कर,दरबार ये पाया हैं-२,
रहमत जो हुई तेरी,दिल में खुशी छाई-२,
सतगुरु का दरश पानें,संगत ये सारी आई-२,
सतगुरु कें वचन सुनकें,सच्चा ज्ञान पाया हैं-२,
बड़ें भागों सें सतगुरु का,श्री दर्शन पाया हैं-२,
त्रिलोकी सें बढ़कर,दरबार ये पाया हैं-२,
सतगुरु जी दयालु हैं,हर पीड़ा हरते हैं-२,
आता जो शरणं इनकी,ये झोलियाँ भरतें हैं-२,
भक्ति का सच्चा धन,सतगुरु सें ही पाया हैं-२,
बड़ें भागों सें सतगुरु का,श्री दर्शन पाया हैं-२,
त्रिलोकी सें बढ़कर,दरबार ये पाया हैं-२,
सतगुरु की नज़र इक-बार,जिसं पर पड़ जाती हैं-२,
बिगड़ी तकदीर जो उसकी,समझों बन जाती हैं-२,
कर किरपा हम सब पर,दर्शन दिखाया हैं-२,
बड़ें भागों सें सतगुरु का,श्री दर्शन पाया हैं-२,
त्रिलोकी सें बढ़कर,दरबार ये पाया हैं-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
Comments
Post a Comment