सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा Satguru Ji Ke Panch Niyam Jo Nibhayega
सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२,
आनंदपुर वाला उसकों,दर पे बुलायेगा-२,
सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२,
आनंदपुर वाला उसकों,दरश दिखायेगा-२,
जो पहला नियम सतगुरु का,
हैं वो श्री आरती-पूजा-२,
जद आरती-पूजा होवैं,
फिर काम करें ना कोई दूजा-२,
साथ ये निभायेगा,
आनंदपुर वाला उसकों,दरश दिखायेगा-२,
सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२,
आनंदपुर वाला उसकों,दर पे बुलायेगा-२,
दूजा ये नियम भी कर लो,
निष्काम प्रभु की सेवा-२,
हैं सेवा से मिलती,
सबकों चार पदारथ मेवा-२,
जो इसकों खायेगा,
आनंदपुर वाला उसकों,दरश दिखायेगा-२,
सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२,
आनंदपुर वाला उसकों,दर पे बुलायेगा-२,
तींजा हैं नियम सतगुरु का,
सत्संग में भी नित आओ-२,
सत्संग की गंगा में भी,
तुम डूबकीं रोज लगाओ-२,
दास तर ही जायेगा,
आनंदपुर वाला उसकों,दरश दिखायेगा-२,
सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२,
आनंदपुर वाला उसकों,दर पे बुलायेगा-२,
जब समय मिलें सिमरन का,
इसकों अमल में लाना-२,
प्रभु ध्यान बसें आँखों में,
ये चौथा नियम निभाना-२,
पार हो जायेगा,
आनंदपुर वाला उसकों,दरश दिखायेगा-२,
सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२,
आनंदपुर वाला उसकों,दर पे बुलायेगा-२,
जब पाँचवें नियम पें आयें,पायें प्रभु जी कें दर्शन,
जब पाँचवें नियम पें आयें,पायें गुरु जी कें दर्शन,
इन दर्शन में ऐसी कशिश हैं,बस पाते रहो तुम हरदम,
प्रभु कों,वो पायेगा,
आनंदपुर वाला उसकों,दरश दिखायेगा-२,
सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२,
आनंदपुर वाला उसकों,दर पे बुलायेगा-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
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