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Showing posts from October, 2025

आज आया दीवाली, त्यौहार हैं

आज आया दीवाली, त्यौहार हैं-२, आज छाई,खुशियों की बहार हैं-२, आज पाया,प्रभु का,आशीर्वाद हैं-२, आज खुशियों भरा,त्यौहार हैं-२, जैसें दीवाली कें,दीप जगमगायें-२, ऐसें ही आज,सारें प्रेमी हरषायें-२, पाकें अपने-२, प्रभु का,दीदार हैं-२, आज आया दीवाली, त्यौहार हैं-२, आज पाया,प्रभु का,आशीर्वाद हैं-२, आज खुशियों भरा,त्यौहार हैं-२, आज छाई,खुशियों की बहार हैं-२, आज आया दीवाली, त्यौहार हैं-२, त्रेतां में प्रभु, श्री राम बनकें आये-२, द्वापर में प्रभु, श्री कृष्ण बनकें आये-२, अब आये-२,परमहँस अवतार हैं-२, आज आया दीवाली, त्यौहार हैं-२, आज पाया,प्रभु का,आशीर्वाद हैं-२, आज खुशियों भरा,त्यौहार हैं-२, आज छाई,खुशियों की बहार हैं-२, आज आया दीवाली, त्यौहार हैं-२, भक्ति और प्रेम कें,दीप जगा कर-२, अपने प्रभु कों,दिल में बसा कर-२, आज आये-२,प्रभु श्री राम हैं-२, आज आया दीवाली, त्यौहार हैं-२, आज पाया,प्रभु का,आशीर्वाद हैं-२, आज खुशियों भरा,त्यौहार हैं-२, आज छाई,खुशियों की बहार हैं-२, आज आया दीवाली, त्यौहार हैं-२, आज शुभ दीवाली की,सबकों बधाई-२, सतगुरु कें चरणों में,मिलकर मनाई-२, आज दास ये-२,जाये कुरबान हैं, आज दास ये-...

सजया सारा आनंदपुर, आई दीवाली ऐ

सजया सारा आनंदपुर, आई दीवाली ऐ-२, आई दीवाली-आई दीवाली,खुशियाँ वालीं आई दीवाली-२, भागाँवाली आई दीवाली-२, खुशियाँ वण्डनं आया,जग दां वालीं ऐ-२, सजया सारा आनंदपुर, आई दीवाली ऐ-२, तेरे दर तें दास नें आयें,फुल्लां दें हार लयायें-२, इक-दूजें नूँ देणं बधाईयाँ, नालें खुल्लें दर्शन पायें-२, मेरे दाता जी दीं किरपा, बड़ी निरालीं ऐ-२, सजया सारा आनंदपुर, आई दीवाली ऐ-२, चारें-पासें खुशियाँ छाईयाँ, अज वज रहियाँ शहनाईयाँ-२, रलमिल कें भंगड़ें पोन्दें,रलमिल कें खुशियाँ मनाईयें-२, सबदें चेहरें नाम दीं लालीं,छाई ऐ-२, सजया सारा आनंदपुर, आई दीवाली ऐ-२, आनंदपुर मारें लिशकारें,सब लान्दें जै-जैकारें-२, हर पासें राग हैं तेरा,ऐहियों कहन्दें भक्तं प्यारें-२, सबतें किरपा करदां, जग दां वालीं ऐ-२, सजया सारा आनंदपुर, आई दीवाली ऐ-२, अज दीप खुशीं दें जगाईयें,नाल सोहणां दर्शन पाईयें-२, अज सारें कठठें होकें, गुणगान प्रभु दां गाईयें-२, मेरे दाता सबदीं भरदें,झोली खालीं ऐ-२, सजया सारा आनंदपुर, आई दीवाली ऐ-२, आई दीवाली-आई दीवाली,खुशियाँ वालीं आई दीवाली-२, भागाँवाली आई दीवाली-२, खुशियाँ वण्डनं आया,जग दां वालीं ऐ-२, सजया सारा आनं...

हारांवालें का प्यार, दीवाली होती हैं

हारांवालें का प्यार, दीवाली होती हैं,, सतगुरु का दीदार, दीवाली होती हैं-२,, ओ,हारांवालें का-२,प्यार, दीवाली होती हैं,,सतगुरु का दीदार, दीवाली होती हैं-२,, मन-मन्दिर में दीप,हजारों जलतें हैं-२,, ओ,मन कें अंदर,बात निरालीं होती हैं,, मन-मन्दिर में दीप,हजारों जलतें हैं-२,,ओ,मन कें अंदर,बात निरालीं होती हैं,, ओ,हारांवालें का-२,प्यार, दीवाली होती हैं,,सतगुरु का दीदार, दीवाली होती हैं-२,, सतगुरु का-हारांवालें का-२,, ओ,हारांवालें का प्यार, दीवाली होती हैं,,सतगुरु का दीदार, दीवाली होती हैं-२,, सतगुरु प्यारें नें भक्ति का,दीप जलाया हैं-२,, पांच नियम बनाकर, इसपें चलना सिखाया हैं-२,, सतगुरु प्यारें नें भक्ति का,दीप जलाया हैं,पांच नियम बनाकर, इसमें चलना सिखाया हैं,, इन वचनों पर जों प्रेमी नियम सें चलतें हैं,उन भक्तों पर,भक्ति कें दीप जलतें हैं,, ओ,पाकर दातं-२,रुहानीं,दीवाली होती हैं-२,, ओ,सतगुरु का दीदार, दीवाली होती हैं-२,, ओ,हारांवालें का-२,प्यार, दीवाली होती हैं,,सतगुरु का दीदार, दीवाली होती हैं-२,, सतगुरु का-हारांवालें का-२,, ओ,हारांवालें का प्यार, दीवाली होती हैं,,सतगुरु का दीदार, दीवाली होती...

आया जी आया,शुभ दीवाली का त्यौहार

आया जी आया,शुभ दीवाली का त्यौहार,,जगमग-जगमग हुआ संसार,, खुशियों कें दीप जलें,सजा गुरु दरबार-२,, हो रहा हैं उजाला,प्रभु नाम का,मन में हमारे-२,, तन-मन रोशन कर गई,तेरे प्रेम की, मीठी निगाहें-२,, सतगुरु जी,भगवनं जी-२,दें दो हमें,अपना प्यार,,आयें गुरु चरणारं,, खुशियों कें दीप जलें,सजा गुरु दरबार-२,, आया जी आया,शुभ दीवाली का त्यौहार,,जगमग-जगमग हुआ संसार,, खुशियों कें दीप जलें,सजा गुरु दरबार-२,, दुख-गमों नें,कब सें,जीवन में था,डेरा लगाया-२,, नाम की,ज्योति सें,सारा घर ही,मेरा जगमगाया-२,, ओ,किरपा हुई, सतगुरु की-२,पाया जों सोहणां दीदार,,आयें गुरु चरणारं,, खुशियों कें दीप जलें,सजा गुरु दरबार-२,, आया जी आया,शुभ दीवाली का त्यौहार,,जगमग-जगमग हुआ संसार,, खुशियों कें दीप जलें,सजा गुरु दरबार-२,, दासीं सन्मुख तेरे,प्रभु तुमकों ही मांगें हमेशा-२,, अर्न्त-घट विराजों,पाऊं दर्शन, सुबहो-शाम तेरा-२,, दीवाली,तुम संग ही-२,तुुम संग ही, सारें त्यौहार,,आयें गुरु चरणारं,, खुशियों कें दीप जलें,सजा गुरु दरबार-२,, आया जी आया,शुभ दीवाली का त्यौहार,,जगमग-जगमग हुआ संसार,, खुशियों कें दीप जलें,सजा गुरु दरबार-२,, सजा गुरु ...

मिलें हैं हमकों,आज हमारे,, सतगुरुदेव प्यारें

मिलें हैं हमकों,आज हमारे,, सतगुरुदेव प्यारें,, बधाई हर गुरुमुख  कों,, बधाई हर गुरुमुख  कों-२,,  राजतिलक का शुभ-दिन आया,, सबनें मंगल गाया,, बधाई हर गुरुमुख  कों,, बधाई हर गुरुमुख  कों-२,,  खुशियाँ बिखेरती,, घडी ये सुहानीं,, अज आ गई-२,, मुरझाए दिल खिलें हैं,, चेहरे पें मुस्कान आ गई-२,, सतगुरुदेव का मिलना प्यारें,, जागे भाग्य हमारे,, बधाई हर गुरुमुख  कों,, बधाई हर गुरुमुख  कों-२,, राजतिलक का शुभ-दिन आया,, सबनें मंगल गाया,, बधाई हर गुरुमुख  कों,, बधाई हर गुरुमुख  कों-२,,  प्रीतम कें चरणों में,, बैठना सौभाग्य की बात हैं-२,, वरदान परमहँसों का,, प्रीतम सें हुई मुलाकात हैं-२,, सतगुरुदेव का ये मुस्काना,, सबसें अलग नजारा,, बधाई हर गुरुमुख  कों,, बधाई हर गुरुमुख  कों-२,, राजतिलक का शुभ-दिन आया,, सबनें मंगल गाया,, बधाई हर गुरुमुख  कों,, बधाई हर गुरुमुख  कों-२,,  ऊँच्चें सिंंहासन बैठें,, सतगुरुदेव हमारे हैं-२,, रहमतं बरस रहीं हैं,, पा रहें गुरुमुख प्यारें हैं-२,, शुभ-दिन आया,, शुभ-घडी आई,, जागे भाग्य हमारे,, बधाई हर गुरु...

बधाईयाँ,, खुशियाँ,, आनंद महोत्सव आया हैं

बधाईयाँ,, खुशियाँ,, आनंद महोत्सव आया हैं-२,, प्यारें सतगुरु कों,, तिलक लगाया हैं-२,, बधाईयाँ,, खुशियाँ,, आनंद महोत्सव आया हैं-२,, *बधाईयाँ,,* शुभ राजतिलक की आई घडी,, आज खुशियों की शहनाई गूँज उठी-२,, पाकें दर्शन -२,, मन हरषाया हैं-२,, बधाईयाँ,, खुशियाँ,, आनंद महोत्सव आया हैं-२,, *बधाईयाँ,,* श्री आरती-पूजनं,, गुरु-वंदन,, हो बधाई सुमन चरणनं अर्पण-२,, सोहणां हार-२,, पीताम्बर पहनाया हैं-२,, बधाईयाँ,, खुशियाँ,, आनंद महोत्सव आया हैं-२,, *बधाईयाँ,,* आज सतगुरु,, सिंंहासन विराजें हैं,, राजन कें प्रभु,, महाराजें हैं-२,, दासाँ धन-धन-२,, भाग्य मनाया हैं-२,, बधाईयाँ,, खुशियाँ,, आनंद महोत्सव आया हैं-२,, *बधाईयाँ,,* प्यारें पंचम प्रभु,प्रगटाये हैं,, नियम कल्याण-कारी बनायें हैं-२,, जों निभाएं वों-२,, जीवन सजाया हैं-२,, बधाईयाँ,, खुशियाँ,, आनंद महोत्सव आया हैं-२,, प्यारें सतगुरु कों,, तिलक लगाया हैं-२,, बधाईयाँ,, खुशियाँ,, आनंद महोत्सव आया हैं-२,, *बधाईयाँ,,* बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय

ओ,धुर-दरगाह कें महाराजा,तुम पर बलिहारी जातें हैं

  ओ,धुर-दरगाह कें महाराजा,तुम पर बलिहारी जातें हैं,, तेरे चरणों में जों पल बीतें,हमें याद बहुत वों आतें हैं,, जय हो,जय हो,जय हो,जय हो,जय हो, हमें पाँच रतन की सतगुरु जी,बक्शीं ऐसीं अनुपम माला,, जिसकों जपनें सें सहजे ही,खुल जाए  किस्मत का ताला,, भक्ति मार्ग आसान किया-२,,हमें भक्ति रंग में रंग डाला,, सब भरम-अंदेंशें दूर हुए, घट-घट में फैला उजियाला,, जय हो,जय हो,जय हो,जय हो,जय हो, हमें सेवा-सुमिरणं में सतगुरु,तुमनें था ऐसा बाँध लिया,, हम कौन सें युग में जीतें हैं,हमकों ये भी ना याद रहा,, हम प्रेम की प्यासीं रुहों कें-२,,तुम प्रियतम हो,यह जान लिया,, सब ओट सहारे छोड कें बस,तुमकों ही अपना मान लिया,, ओ,धुर-दरगाह कें महाराजा,तुम पर बलिहारी जातें हैं,, तेरे चरणों में जों पल बीतें,हमें याद बहुत वों आतें हैं,, जय हो,जय हो,जय हो,जय हो,जय हो, बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय