शुभ अमर ज्योति दर्शन ग्रंथ भजन
सारी खुशियाँ लें आई,अज गूँजें शहनाई-२,
कया दिन/समय सुहाना आया हैं, अमर ज्योति दर्शन का अज पाया हैं-२,
श्री आनंदपुर सें इसकों,श्री सतगुरु नें भिजवाया-२,
अर्शो का मालिक हैं जों,अज धरती पर हैं आया-२,
अज चिमटें बजाओं, सारें नाचों और गाओं-२,
सतगुरु कें उपकारों का ये,ग्रंथ रचाया हैं,,
अमर ज्योति दर्शन का अज पाया हैं-२,
सारी खुशियाँ लें आई,अज गूँजें शहनाई-२,
कया दिन/समय सुहाना आया हैं, अमर ज्योति दर्शन का अज पाया हैं-२,
पंचम रुप में श्री सतगुरु नें,किरपा हैं फरमाई-२,
देश-विदेश में भक्ति की,जोतं प्रभु नें जगाई-२,
इनका रुप प्यारा,सबसें हैं न्यारा,आँखों में बसाया हैं,,
अमर ज्योति दर्शन का अज पाया हैं-२,
सारी खुशियाँ लें आई,अज गूँजें शहनाई-२,
कया दिन/समय सुहाना आया हैं, अमर ज्योति दर्शन का अज पाया हैं-२,
उपकार जों कियें हैं हम पर,महिमा सदा ही गायें-२,
हर पल इनकें प्यार कों,हृदय में बसायें-२,
सारी खुशियाँ लें आई,जोतं जगाई,
अर्शो का मालिक, अज धरती पर आया हैं,,
अमर ज्योति दर्शन का अज पाया हैं-२,
सारी खुशियाँ लें आई,अज गूँजें शहनाई-२,
सारी खुशियाँ लें आई,अज सबनूँ बधाई,,
कया दिन/समय सुहाना आया हैं, अमर ज्योति दर्शन का अज पाया हैं-२,
श्री चरणों में दिया ठिकाना, आ गयें शुक्रर मनानें-२,
साथ-साथ में अपने प्रभु कें,गीत खुशी में गानें-२,
खुद भी सुनें और सबकों सुनायें,
अर्शो का मालिक, अज धरती पर आया हैं,,
अमर ज्योति दर्शन का अज पाया हैं-२,
सारी खुशियाँ लें आई,अज गूँजें शहनाई-२,
सारी खुशियाँ लें आई,अज सबनूँ बधाई,,
कया दिन/समय सुहाना आया हैं, अमर ज्योति दर्शन का अज पाया हैं-२,
बोलो जयकारा
बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय
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