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Showing posts from November, 2019

सतगुरु दी नगरी, अरशां तों उतरी, नकशा वी खूब बनाया Satguru Di Nagri Aarsha To Utrii Naksha Kya Khoob Banaya Hai

🎊सतगुरु दी नगरी, अरशां तों उतरी, नकशा वी खूब बनाया है,सतगुरु दाता मेरा नगरी दा राजा, जिसने ऐ खेड़ रचाया है,नकशा वी खूब बनाया हैं--२, प्रेम-प्यार दी नगरी अन्दर, प्रेमी आन्दें ने,-२, सेवा करदे,दर्शन पान्दे,भाग मनान्दें ने,-२, सतगुरु जी तेरे प्रेम दीवाने,मिलके गान्दे ने, नगरी तेरी दी शोभा, जाये ना बरनी, जिसनूँ तू आप सजाया हैं,--नकशा वी--२, पकीयां-२ चौड़ियाँ सड़कां,इस नगरी अन्दर,-२, सरोवर दे विचकार बनाया,सोहणा हरिमन्दर-२, नीं तों लेकै चोटी तक,लाया है संगमरमर, दोवें समाधियाँ कोलों,शोभा जे देंदा, ज्यों असमनों चन चुराया हैं,--नकशा वी--२, अमृत वेले दी शोभा, हरिमन्दर दी न्यारी ऐ,-२, जित्थें मेरे सतगुरु आयें,करके कार सवारी ऐ-२ फेर आरती-पूजा गाकें संगत,जावे बलहारी ऐ, सदके मैं जावाँ अपने,सतगुरां तों, जिन्हाँ ने एह दस्तूर चलाया है,--नकशा वी--२, तरहाँ-२ दें फलाँ दा भन्ड़ार जित्थें है,-२, तोता-कोयल-मोरां दी,किलकार जित्थे है,-२, फुलाँ उते भंवरा दी गुन्जार जित्थे है, कई तरहाँ उत्थें वगदे फव्वारे, ओहयो मोती बाग कहाया हैं,--नकशा वी--२, आनन्दपुर दी धरती दे तां,भाग सवाये ने,-२, जि...

तुम तो यहीं-कहीं सतगुरु,मेरे आस-पास हो Tum To Yhi Khi Satguru Mere Aas Pass Ho

तुम तो यहीं-कहीं सतगुरु,मेरे आस-पास हो-२, आते नजर नहीं पर,मेरे साथ-साथ हो-२, बहते पवन कें झोंके,एहसास ये करायें-२, संग-संग हो हमारे,महसूस ये करायें, महसूस ये करायें, सत्संग में आज भी गुरु,करतें निवास हो, आते नजर नहीं पर,मेरे साथ-साथ हो-२, हमकों तों ये यकीं हैं,तेरे साथ चल रहें हैं-२, तेरी दुआ सें सतगुरु,अब भी तो पल रहें हैं, अब भी तो पल रहें हैं, हमकों अपने प्यारं का,देते आभास हो, आते नजर नहीं पर,मेरे साथ-साथ हो-२, आती हैं हमकों आज भी,साकार भावना-२, रोशन तुम्हीं सें सतगुरु,हर दिल की आशिनां, हर दिल की आशिनां, बनकर कें ज्ञान-चन्द्रमा,देते प्रकाश हो, आते नजर नहीं पर,मेरे साथ-साथ हो-२, तुम तो यहीं-कहीं सतगुरु,मेरे आस-पास हो-२, आते नजर नहीं पर,मेरे साथ-साथ हो-२, बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय

मेरे सतगुरु के चेहरे/मुखड़ें में,ऐसा नूर हैं, Mere Satguru Ke Chehre me Aisa Noor hai

हाँरा वाले की भक्ति से नूर मिलता है सबके दिलों को सुकून मिलता है जो भी दिल से लेता है हाँरा वाले का नाम उसे हाँरा वाले का आशीर्वाद जरूर मिलता है 🎈मेरे सतगुरु के चेहरे/मुखड़ें में,ऐसा नूर हैं, दिल जिनके दर्शन , करने को मजबूर हैं, हर प्रेमी की बेताब निगाहें कहती हैं,-२, श्री दर्शन करने का हक उन्हें जरुर है,-मेरे--2,                         🎍🎎🎍 हैं मुबारक वो घड़ी,जब सतगुरु मिलते हैं,-२, उनसे मिलकर दिल में,खुशियों के फूल खिलते हैं,-२, वो पल सुहाने जब-२,दिल को याद आते हैं,-२, तब प्रेमी सतगुरु जी के, मीठे गीत गाते हैं,-२, उन यादों में-2,कुछ ऐसा,भरा सरुर है,-दिल-2, हर प्रेमी की बेताब निगाहें कहती हैं,-२, श्री दर्शन करने का हक उन्हें जरुर है,-मेरे--2,                         🎍🎎🎍 चकवे की प्रीत चंदा से,मुछली की पानी से,-2, इक प्रेमी की होती हैं प्रीत, सतगुरु वाणी से,-2, श्री वचनों की वर्षा का,जो भी अमृत पीतें हैं,-2, सही मायनों में वोही प्रेमी,इस जग ...

सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा Satguru Ji Ke Panch Niyam Jo Nibhayega

सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२, आनंदपुर वाला उसकों,दर पे बुलायेगा-२, सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२, आनंदपुर वाला उसकों,दरश दिखायेगा-२, जो पहला नियम सतगुरु का, हैं वो श्री आरती-पूजा-२, जद आरती-पूजा होवैं, फिर काम करें ना कोई दूजा-२, साथ ये निभायेगा, आनंदपुर वाला उसकों,दरश दिखायेगा-२, सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२, आनंदपुर वाला उसकों,दर पे बुलायेगा-२, दूजा ये नियम भी कर लो, निष्काम प्रभु की सेवा-२,  हैं सेवा से मिलती,  सबकों चार पदारथ मेवा-२,  जो इसकों खायेगा, आनंदपुर वाला उसकों,दरश दिखायेगा-२, सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२, आनंदपुर वाला उसकों,दर पे बुलायेगा-२, तींजा हैं नियम सतगुरु का, सत्संग में भी नित आओ-२, सत्संग की गंगा में भी, तुम डूबकीं रोज लगाओ-२, दास तर ही जायेगा, आनंदपुर वाला उसकों,दरश दिखायेगा-२, सतगुरु जी के पाँच नियम जो निभायेगा-२, आनंदपुर वाला उसकों,दर पे बुलायेगा-२, जब समय मिलें सिमरन का, इसकों अमल में लाना-२, प्रभु ध्यान बसें आँखों में, ये चौथा नियम निभाना-२, पार हो जायेगा, आनंदपुर वाला उसकों,...

तुम तो यहीं-कहीं सतगुरु,मेरे आस-पास हो Tum To Yhi Khi Satguru, Mere Aas Pass Ho

तुम तो यहीं-कहीं सतगुरु,मेरे आस-पास हो-२, आते नजर नहीं पर,मेरे साथ-साथ हो-२, बहते पवन कें झोंके,एहसास ये करायें-२, संग-संग हो हमारे,महसूस ये करायें, महसूस ये करायें, सत्संग में आज भी गुरु,करतें निवास हो, आते नजर नहीं पर,मेरे साथ-साथ हो-२, हमकों तों ये यकीं हैं,तेरे साथ चल रहें हैं-२, तेरी दुआ सें सतगुरु,अब भी तो पल रहें हैं, अब भी तो पल रहें हैं, हमकों अपने प्यारं का,देते आभास हो, आते नजर नहीं पर,मेरे साथ-साथ हो-२, आती हैं हमकों आज भी,साकार भावना-२, रोशन तुम्हीं सें सतगुरु,हर दिल की आशिनां, हर दिल की आशिनां, बनकर कें ज्ञान-चन्द्रमा,देते प्रकाश हो, आते नजर नहीं पर,मेरे साथ-साथ हो-२, तुम तो यहीं-कहीं सतगुरु,मेरे आस-पास हो-२, आते नजर नहीं पर,मेरे साथ-साथ हो-२, बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय

हारांवालें की देख छटा,देख छटा, Harawale Ki Dekh Chata, Dekh Chata

हारांवालें की देख छटा,देख छटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा-२, जब मैं दर्शन-हाल में पहुँचा-२, ऐसा नज़ारां कभी ना देखा-२, जब सिंहासन सें परदा हटा,परदा हटा-२, मेरा मन हो गया लटा-पटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा-२,हारांवालें की देख छटा,देख छटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा-२, चिटटा चौलां तन पें विराज़ें-२, शीश पें सुन्दर रुमाल साजें-२, जिसनें उनका दर्श किया, दर्श किया-२, मेरा मन हो गया लटा-पटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा-२,हारांवालें की देख छटा,देख छटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा-२, जब मेरे प्रभु जी नें वचन फरमायें-२, अर्शो तों सब देव हैं आयें-२, जब मेरे सतगुरु नें,गुरुमुख कहा,गुरुमुख कहा-२, मेरा मन हो गया लटा-पटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा-२,हारांवालें की देख छटा,देख छटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा-२, ऐसा नज़ कभी ना देखा-२, ये नज़ारां मेरे मन कों भाया-२, जब मेरे सतगुरु, दिये मुस्कां,दिये मुस्कां-२, मेरा मन हो गया लटा-पटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा-२,हारांवालें की देख छटा,देख छटा,मेरा मन हो गया लटा-पटा,मेरा मन हो गया लटा-...

पाया हैं हमनें जबसें, आपका दीदार Paya hai humne jabse, Aapka deedar

पाया हैं हमनें जबसें, आपका दीदार-२, हम तों दीवानें हुए-२, छोड़ी हैं दुनियाँ, ना छोड़ा तेरा द्वार-२, हम तों दीवानें हुए-२, रुप तेरा ऐसा,सहा ही ना जायें-२ कैसें कुछ कहूँ,कहा भी ना जायें-२, ये तन भी,यह मन भी,आपको निसारं-२, हम तों दीवानें हुए-२, पाया हैं हमनें जबसें, आपका दीदार-२, हम तों दीवानें हुए-२, छोड़ी हैं दुनियाँ, ना छोड़ा तेरा द्वार-२, हम तों दीवानें हुए-२, बदलें में तेरे, मैं घर अपना लिखं दूँ-२, घर भी हो कम तों मैं, सर अपना लिखं दूँ-२, अगर फिर भी कम हो,तों कर लों उधार-२, हम तों दीवानें हुए-२, पाया हैं हमनें जबसें, आपका दीदार-२, हम तों दीवानें हुए-२, छोड़ी हैं दुनियाँ, ना छोड़ा तेरा द्वार-२, हम तों दीवानें हुए-२, रुप तेरा ऐसा,कि जैसे हो जन्नतं-२, तुझपें लुटा दूँ,जमानें की दौलत-२, अगर आज्ञा हो तों,नजर लूँ उतारं-२, हम तों दीवानें हुए-२, पाया हैं हमनें जबसें, आपका दीदार-२, हम तों दीवानें हुए-२, छोड़ी हैं दुनियाँ, ना छोड़ा तेरा द्वार-२, हम तों दीवानें हुए-२, बोलो जयकारा बोल मेरे श्री गुरुमहाराज जी की जय