Posts

Showing posts from December, 2023

सज धज के गुरु जी घर आये Sajj Dhaj ke Guru ji Ghar Aaye

 सज धज के गुरु जी घर आये, लोको वे मैं आज झली हो गई, मैनु कुज भी समज ना आये लोको मैं आज झली हो गई, कदी भी नहीं सोचिया सी गुरु घर आन गे, मेरा खजाना मेरी झोली विच पान गे, ओहना ने चरण कमल घर पाए, लोको वे मैं आज झली हो गई, सज धज के गुरु जी घर आये, सत्संग विच सारी संगत बुलाई है, गुरु जी दे भगता ने आज रौनक लगाई है, आज शिव जी ने संख बजाए लोको मैं आज झली हो गई, सज धज के गुरु जी घर आये, बड़ी रीजा नाल दरबार सज्या है, गुरु जी न हलवे दा भोग लगाया है, मुख मंडल गुरु दा मुस्काये लोको मैं झली हो गई, सज धज के गुरु जी घर आये, फुला दी महक नाल घर मेरा भराया, मैं भी तरी जो भी इथे आया ऊ भी तरिया, सोन्दे जाग्दे गुरु नजर आये लोको मैं आज झली हो गई, सज धज के गुरु जी घर आये,🙏🏻🙏🏻 Listen on https://youtu.be/eJUOaueBBIc?si=QmiV2WwEnr2d61Cj

प्रभु आ गयें हैं, खुशीं छा रही हैं Prabhu Aagye Hain

प्रभु आ गयें हैं, खुशीं छा रही हैं-२, लगता हैं जैसें कि,मौसम सें पहलें,गुलशन में चलकर, बहार आ गई हैं, प्रभु आ गयें हैं, खुशीं छा रही हैं-२, बशर कें भेष में,तुम खुदां आ गयें, प्रेमी भक्तों कें दिल,जान कर छा गयें, निरखं कर मनोहर,छवि ये सुहानी, अकीदत यहाँ झूम-तीं आ रही हैं, प्रभु आ गयें हैं, खुशीं छा रही हैं-२, लगता हैं जैसें कि,मौसम सें पहलें,गुलशन में चलकर, बहार आ गई हैं, प्रभु आ गयें हैं, खुशीं छा रही हैं-२, देवता भी तरसतें हैं, दीदार कों, उतर आयें हैं अर्शो सें,सत्कार कों, पुर नूरं चेहरें की,नूरीं सुहायें,मुककदर की दुनियाँ कों,चमका रही हैं, प्रभु आ गयें हैं, खुशीं छा रही हैं-२, लगता हैं जैसें कि,मौसम सें पहलें,गुलशन में चलकर, बहार आ गई हैं, प्रभु आ गयें हैं, खुशीं छा रही हैं-२, तेरे कदमों में मस्तक, झुकातें हैं लोग, फैज गातें और मुस्करातें हैं लोग, तेरे दर्शनों कों ये,दिलकश फिजायें, करामातं करामाँ चली आ रही हैं, प्रभु आ गयें हैं, खुशीं छा रही हैं-२, लगता हैं जैसें कि,मौसम सें पहलें,गुलशन में चलकर, बहार आ गई हैं, प्रभु आ गयें हैं, खुशीं छा रही हैं-२, तेरा ड़ंका बजा सारें संसार में, कैस...