जिनके चरणों में चारों धाम, जो पूरणं ब्रहम-प्रकाशीं हैं, Jinke Charno me Charo Dham, Jo Puran Bharam Prakashi hai
सहारा नाम का जिसनें लिया,वो कयों परेशां हो ये माया छू नहीं सकती कि,जिसका वो निगहेंबां हो, हैं जिसके नाम से रोशन, जहाँ सारे का सारा हैं, ये कहना है फकीरों का,वो रब का नाम प्यारां हैं👏 जिनके चरणों में चारों धाम, जो पूरणं ब्रहम-प्रकाशीं हैं, कोटि-कोटि प्रणाम इन्हें, ये आनंद पुर के वासी हैं, जय हो जय हो-२,जय जय हो,जिनके-२ यह प्रथम सन्त अवतारी हैं, प्रभु जग तारणं हित आयें हैं,ओ-ओ श्री परमहँस अदै्त ज्योति, भारत भूमि पर लाये हैं, जन-जन मैं भक्ति के भाव जगें-२, और दूर सकल अन्धकार हुआ, धुल गये पाप इस धरती के, उनका हैं स्वप्न साकार हुआ, जय हो जय हो-२,जय जय हो,जिनके-२ जग उठी ज्योत से ज्योत, दूसरें सन्त दयालु प्रगटाये,ओ-ओ भक्ति रस अमृत उमड़ पड़ा, जन-जन कें शुद्व मन हरषायें, जप-तप-संयम-आराधन में-२, सतगुरु जी परम ओजस्वी हैं, ब्रहम-ज्ञाता हैं और ब्रहमनिष्ट, वो तारणं-तरणं तपस्वी हैं, जय हो जय हो-२,जय जय हो,जिनके-२ युग पुरुष चमत्कारी दयालु, खुद में जोत-इलाही हैं, ओ ओ ऋद्धि-सिद्बि के कुल मालिक, वो तीजीं शहनशाहीं हैं, सन्तों के है वो परम सन्त-२, जन-जन के मन भायें हैं, श्री आनंदपुर-प्रयागधाम, भू...